पाकुड़ सदर अस्पताल में पेयजल व्यवस्था बदहाल।

झारखण्ड/पाकुड़:- एक ओर जहां सरकार और जिला प्रशासन खनन प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए डीएमएफटी (जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट) के माध्यम से करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर पाकुड़ सदर अस्पताल में स्थिति इसके ठीक विपरीत नजर आ रही है। अस्पताल में डीएमएफटी के तहत स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था होने के बावजूद मरीजों और स्वास्थ्य संबंधी कार्यों से अस्पताल आने वाले लोगों को पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है।
यह विडंबना तब और गहरी हो जाती है जब अस्पताल के प्रवेश द्वार पर बड़े-बड़े अक्षरों में “जल ही जीवन” लिखा हुआ दिखता है। लेकिन धरातल पर इसकी सच्चाई बिल्कुल उलट है। अस्पताल परिसर में स्थापित पेयजल नल अक्सर सूखे पड़े रहते हैं, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासकर गर्मी के इस मौसम में, जब पानी की आवश्यकता और बढ़ जाती है, यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है।
अस्पताल के प्रवेश द्वार पर लगा हुआ जलमीनर भी अपनी बदहाली की कहानी खुद बयां कर रहा है। लंबे समय से यह जलमीनर भी निष्क्रिय पड़ा है, जो अस्पताल आने वाले लोगों के लिए प्यास बुझाने का एक संभावित स्रोत था। इसकी सुस्त हालत अस्पताल की पेयजल व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े करती है।
स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद अस्पताल प्रशासन इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है। डीएमएफटी के तहत पेयजल व्यवस्था स्थापित होने के बाद भी यदि मरीजों और आम लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है, तो यह निश्चित रूप से चिंता का विषय है। यह न केवल अस्पताल की छवि को धूमिल करता है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आने वाले लोगों के लिए भी एक बड़ी असुविधा का कारण बनता है।
यह स्थिति डीएमएफटी के उद्देश्यों पर भी सवाल उठाती है, जिसका मुख्य लक्ष्य खनन प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाना है। यदि सदर अस्पताल जैसी महत्वपूर्ण संस्था में ही स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था कागजी साबित हो रही है, तो अन्य क्षेत्रों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस गंभीर समस्या पर तत्काल ध्यान देना चाहिए। डीएमएफटी के तहत स्थापित पेयजल व्यवस्था की नियमित निगरानी और रखरखाव सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि मरीजों और अस्पताल आने वाले लोगों को स्वच्छ पानी मिल सके। “जल ही जीवन” के नारे को सही मायने में चरितार्थ करने के लिए पाकुड़ सदर अस्पताल की पेयजल समस्या का जल्द समाधान आवश्यक है।
संवाददाता पाकुड़









