राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई।
झारखण्ड/साहिबगंज जिले के बरहरवा प्रखंड में कांग्रेस कमेटी की ओर से बरहरवा के झिकटीया रोड में स्थित निशा मैरिज हॉल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई गई।
कार्यक्रम की शुरुआत जिला अध्यक्ष सह विधायक प्रतिनिधि बरकत खान ने दीप प्रज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित करके किया।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे जिला अध्यक्ष सह विधायक प्रतिनिधि बरकत खान ने अपने संबोधन में कहा कि ज्ञात हो कि हमलोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 155 वीं जयंती माना रहे है। यह दिन न केवल हमारे देश के लिए, बल्कि विश्व स्तर पर भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। सत्य,अहिंसा और निस्वार्थ सेवा के गांधी के सिद्धांत हमें मार्गदर्शन देते हैं, और हमें शांतिपूर्ण प्रतिरोध और समावेशी नेतृत्व की परिवर्तनकारी शक्ति की याद दिलाते हैं।
वहीं प्रखंड अध्यक्ष रंजीत टुडू ने अपने संबोधन में बताया की भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को आकार देने में महात्मा गांधी की महत्वपूर्ण भूमिका ने पार्टी को भारत की स्वतंत्रता के लिए एक जन आंदोलन में बदल दिया,जिसने असहयोग आंदोलन,नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे ऐतिहासिक अभियानों के माध्यम से राष्ट्र को एकजुट किया। कांग्रेस परिवार के सदस्यों के रूप में,इस समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाना हमारा कर्तव्य है। ऐसे समय में जब विभाजनकारी ताकतें गांधी के महान मूल्यों को मिटाने का प्रयास कर रही हैं, एकता और करुणा की उनकी शिक्षाओं को याद रखना और उनकी पुष्टि करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
गांधी जी केवल स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे। वो एक समाज सुधारक भी थे। उन्होंने छुआछूत,जातिवाद और महिलाओं के प्रति भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई। बापू कहते थे कि किसी भी समाज का विकास तभी संभव है, जब उसमें हर किसी को समान अधिकार मिले।
वही प्रखंड 20 सूत्री अध्यक्ष अशोक कुमार दास ने अपने संबोधन में कहा की हर गांधी जयंती हमें याद दिलाती है कि गांधी के विचारों और उनके दिखाए गए मार्ग को अपनाकर हम क्या कुछ हासिल कर सकते हैं। गांधी के सिद्धांत अपनाकर हम न केवल एक बेहतर व्यक्ति बन सकते हैं, बल्कि अपने समाज और देश को भी आगे बढ़ा सकते हैं। कैसे छोटी-छोटी कोशिशों से बड़ी से बड़ी समस्याओं का हल निकाल सकते हैं। बापू को सच्ची श्रद्धांजलि तो यही होगी कि हम उनके आदर्शों को आत्मसात करें।
मौके पर अश्वनी आनंद,जुल्लू रहमान, संतोष झा, हीरालाल साहा,भोलानाथ महतो, मिथुन मंडल,अनंत लाल भगत,नेहाल अख्तर,जावेद इकबाल, दौरान चौधरी,सूफी,आलमगीर मंसूरी, कुंदन चक्रवर्ती शाहिद अन्य मौजूद थे।
संवाददाता जहांगीर आलम